जैसे ही मैं गाड़ी चला कर बीच वाले कैबिन में पहुँचा, बारिश शुरू हो चुकी थी । बाहर ठंडी हवा चल रही थी और सागर भी बहुत अशांत था । आज का दिन बीच पर बिताने वाला दिन नहीं था । जब मैं बिल होल्डन के पार्किंग स्थल पर पहुँचा तो मुझे वहाँ पर कोई भी दिखाई नहीं दिया ।

मैं कैबिन में चला गया और अपने आपको उसमें बन्द कर लिया और लॉस एंजल्स के रीजेंट होटल में कॉल लगाई । कुछ मिनट के बाद मैं ओडेट से बात कर रहा था ।

“मैं हैरी बोल रहा हूँ ।” मैंने कहा, “अब ध्यान से सुनो । हम बड़ी मुसीबत में पड़ सकते हैं । मैं तुमसे खुलकर बात नहीं कर सकता लेकिन तुम चाहे जो भी करो, लेकिन अपने कमरे में ही रहो । मैं तुम्हें दोबारा फोन करूंगा । मैं चाहता हूँ कि तुम कल दोबारा वापस यहाँ आ जाओ ।”

मुझे लगा जैसे वह अपनी अनियंत्रित साँसों पर नियंत्रण हासिल करने की कोशिश कर रही थी ।

“क्या यह समस्या उस शराबी आदमी की वजह से है ?”

“नहीं, यह उससे भी बुरा है । मैंने सोचा था कि ये लोग इस बात तक बाद में पहुंचेंगे लेकिन वो लोग इस बात का पता पहले ही लगा चुके हैं । क्या तुम इसका मतलब समझती हो ?”

“हम अब क्या करने जा रहे हैं ?”

“हमारा प्लान अभी भी काम कर सकता है । अगर मुझे लगा कि हमारी बात नहीं बनेगी तो मैं तुम्हें आज रात दोबारा फोन करूंगा । तब तक तुम लोगों की नजरों से दूर रहो और अपने कमरे में ही रहो ।”

“लेकिन ये हो क्या रहा है ?” उसकी आवाज में डर था । “क्या तुम मुझे नहीं बता सकते ?”

“इस तरह से खुलेआम नहीं । फिलहाल तुम जहाँ पर हो, वहीं रहो और बाहर मत निकलना । मैं तुम्हें आज रात को फिर फोन करूंगा ।” और मैंने फोन रख दिया ।

मुझे उसके लिये अफसोस हुआ लेकिन मेरी उससे बात करने की हिम्मत नहीं हुई । मैं यह नहीं जानता था कि होटल के ऑपरेटर ने हमारी बात सुनी थी या नहीं ।

मैं खिड़की के पास गया और बाहर देखने लगा । भारी बारिश से मिट्टी पर तरह-तरह की आकृतियां बन रही थीं । बीच पूरी तरह से उजाड़ और सुनसान पड़ा था । मैंने एक सिगरेट जला ली और कमरे में इधर-उधर घूमने लगा । कम से कम मारलौक्स ने अभी तक पुलिस को नहीं बुलाया था। लेकिन अगर पुलिस को ओडेट की स्पोर्ट्स कार, टी. आर. थ्री अपने टूटे हुए बम्पर के साथ मिल जाती तो उनको मारलौक्स से सम्पर्क करने का एक बहाना मिल जाता और तब वह स्वीकार कर सकता था कि उसकी बेटी गायब थी ।

तभी मैंने रिया को बीच पार करते हुए देखा । वह काले रंग का रेनकोट पहने हुए थी और अपने सिर पर उसने छतरी तान रखी थी । अगर होल्डन ने उसे देख लिया होता तो वह शायद ही उसे पहचान पाता क्योंकि उसने छतरी इस ढंग से पकड़ रखी थी कि उसका चेहरा छुप सा गया था ।

जैसे ही वह सीढ़ियों तक पहुंची, मैंने दरवाजा खोल दिया ।

“वह बैंको से पैसा इकट्ठा कर रहा है ।” उसने छतरी को बंद करते हुए कहा और अन्दर आने से पहले उसे एक बार झाड़ा । “मैंने उसे बताया है कि मैं ओडेट के लिये प्रार्थना करने चर्च जा रही हूँ ।”

मैं बहुत धार्मिक आदमी नहीं था लेकिन उसकी यह बात सुनकर मुझमें उसके लिये घृणा और नापसंदगी के भाव भर गए ।

“तुम पैसा कल माँगने की योजना बना रहे हो ?” जब मैंने उसका रेनकोट संभाला तो उसने पूछा । वह एक आराम कुर्सी पर जाकर बैठ गई ।

“मैं इस बारे में बिल्कुल भी आश्वस्त नहीं हूँ कि यह पैसा हमें मिलने वाला है ।” मैंने कहा ।

वह एकदम रुक गई और उसकी  आँखों में सख्ती के भाव उभरे ।

“क्या मतलब है तुम्हारा ?”

“शायद तुम्हें हैरानी होगी ।” उसका रेनकोट एक टेबल पर रखने के बाद मैंने बैठते हुए कहा, “तुम्हारे पति का बैंक मैनेजर और उसका शौफर इस बारे में अपना मुँह पुलिस के सामने फाड़ चुके हैं । पुलिस को अब इस बात का पहले से ही पता है कि ओडेट का अपहरण हो गया है ।”

अगर मैंने उसे एक झापड़ भी रसीद कर दिया होता तो उसका असर भी मेरे मुँह से निकले शब्दों से ज्यादा जोरदार नहीं हो सकता था ।

“तुम झूठ बोल रहे हो!” वह अपने पैरों पर कूद कर खड़ी हो गई । उसका चेहरा चॉक की तरह सफेद हो चुका था और आँखों में एक अजीब सी चमक दिखाई दे रही थी । “तुम्हारा दिमाग हिल गया है । तुम पैसा उठाने से डर रहे हो ।”

“क्या तुम ऐसा सोचती हो ?” उसके इस तरह भय और गुस्से से फूट पड़ने से, मुझे अपने अंदर समाए डर को काबू करने में सहायता मिली ।

“आज सुबह  मिस्टर मास्टर्स ने, जो तुम्हारे पति के बैंक के मैनेजर हैं, डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी को फोन किया और उसे बताया कि तुम्हारा पति जल्दी से पाँच लाख डॉलर्स माँग रहा है, ऐसा लगता है कि पुलिस और सारे बैंक मैनेजरों के बीच यह समझौता हो गया है कि यदि उनका कोई ग्राहक छोटे-छोटे नोटों में बड़ी रकम बैंक से एकदम निकालता है तो वे पुलिस को इसके बारे में सूचना देंगे । पुलिस अपने आप यह नतीजा निकाल लेती है कि यह रकम फिरौती के लिए निकाली गई है, अगर यह आगे जाकर गलत साबित न हो जाए ।”

“तुम यह कैसे जानते हो ?” उसने लगभग चीखते हुए पूछा । मैंने उसे अपनी नयी नौकरी के बारे में बताया और यह भी कि मैंने डी. ए. से कैसे बात की है ।

“रेनिक तुम्हारे शौफ़र ओ’रीली से पहले ही बात कर चुका है ।” मैंने उसे बताना जारी रखा, “शायद तुम्हें पता न हो कि ओ’रीली एक रिटायर्ड पुलिस वाला है । उसने रेनिक को बताया कि ओडेट कल रात को अपनी सहेली से नहीं मिली थी और न ही वह वापस घर आई । डी. ए. ने दो और दो जोड़कर नतीजा चार निकाल लिया । उसे पूरा यकीन है कि ओडेट का अपहरण हो गया है और उसके हाथ एक सनसनीखेज मामला लग गया है ।”

रिया के हाथ उसकी गर्दन तक पहुँचे और वह लड़खड़ा कर बैठ गई । अब वह उतनी सुन्दर नहीं दिख रही थी । डर और हताशा के भावों ने उसका चेहरा बिगाड़ दिया । “अब हम क्या करेंगें ?” आखिर में उसने पूछा । उसने अपनी भिंची हुई मुट्ठियों से कुर्सी की बाजुओं को ठकठकाना शुरू कर दिया ।

“मुझे यह दौलत चाहिए!”

“मैंने तुम्हें पहले ही चेतावनी दी थी ।” मैंने कहा, “मैंने तुम्हें कहा था कि इस मामले में पुलिस का दखल हो सकता है ।”  

“तुमने मुझे क्या कहा था, यह मत सोचो! अब हम क्या करने जा रहे हैं, यह बताओ ?”

“अच्छा होगा कि तुम पहले पूरी कहानी सुन लो, तब तुम निर्णय ले सकोगी कि तुम्हें क्या करना है ।”

मैंने सारी बातें उसे विस्तार से बताईं । मैंने उसे उस शराबी और कार एक्सीडेंट के बारे में बताया और यह भी कि पुलिस अब टी. आर. थ्री को तलाश कर रही है । जब वे लोग उसे ढूंढ लेंगे तो वे उसके पति के पास आएंगे और इस बारे में पूछताछ करेंगे ।

वह जब यह सुन रही तो एक ही जगह किसी निर्जीव पुतले की भाँति बैठी रही और उसके हाथ उसके घुटनों पर जकड़े हुए थे ।

“खैर, सारी कहानी यह है ।” मैंने आखिर में उससे कहा, “बस हमारे लिए फायदे की बात यह है कि डी. ए. तब तक कोई कार्यवाही नहीं करेगा जब तक तुम्हारा पति उसे ऐसा करने के लिये नहीं कहता । जब वह पैसा देने के लिये निकलेगा तो वे लोग उसका पीछा नहीं करेंगे । असल में सब कुछ तुम्हारे पति पर निर्भर करता है । क्या वह पुलिस को बताएगा कि ओडेट का अपहरण हो गया है, जब वे लोग उससे ओडेट की कार के बारे में सवाल करेंगे ?”

उसने एक लम्बी और गहरी साँस ली और फिर उसने मुझे गौर से देखा ।

“तो तुम इसे काम को बखूबी अंजाम देना कहते हो!” उसने बिफरते हुए कहा, “यह है तुम्हारा शानदार प्लान! क्या तुम यह अंदाजा पहले नहीं लगा सकते थे कि उसे कोई शराबी मिल जाएगा, जब वह पाइरेट्स कैबिन जैसी जगह पर जाएगी ?”

मैंने कुछ नहीं कहा । मैं उसे देखता हुए सोचता रहा कि उसके सब्र का पैमाना कहाँ तक था ।

एक लम्बी खामोशी के बाद वह बोली, “ठीक है । अब किसी मुर्दे की तरह मुझे ताकते हुए मत बैठे रहो । अब हम आगे क्या करने वाले हैं ?”

“यह सब तुम पर निर्भर है ।” मैंने कहा, “अगर तुम अपने पति को, पुलिस को किडनैप की बात न बताने के लिये राजी कर सको तो हम अभी भी अपने प्लान पर आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन मैं तुम्हें आगाह करना चाहता हूँ कि जब ओडेट वापस आ जाएगी तो पुलिस शर्तिया उससे कार के बारे में सवाल करेगी ।”

“मुझे सिर्फ पैसा चाहिए!”

“अगर तुम्हारा पति पुलिस से बात नहीं करता है तो मैं इसे तुम्हारे लिये जरूर हासिल करूंगा ।”

“वो नहीं करेगा । तुम्हारे टेलीफोन करने के बाद उसने कहा था कि वह पुलिस को कुछ भी नहीं बताने जा रहा था । हालांकि मैंने उसे इसके लिये कहा भी नहीं था । वह पैसा देने के लिये तैयार है, जब तक ओडेट उसे वापस नहीं मिल जाती ।”

“ठीक है, अगर तुम्हें यकीन है कि वह किसी को कुछ नहीं बताएगा, तब हम अपने प्लान पर आगे बढ़ सकते हैं ।”

“मुझे इसका पूरा भरोसा है ।”

मैंने अपनी घड़ी की तरफ देखा । अभी सिर्फ साढ़े ग्यारह बजे थे ।

“मैं पता लगाता हूँ कि वहाँ पर क्या चल रहा है ।” मैंने कहा और टेलीफोन उठाया । मैंने रेनिक को फोन किया । जब मेरी उससे बात हुई तो मैंने उससे पूछा, “कोई खास खबर ? क्या तुम्हें मेरी जरूरत है ?”

“अभी तक तो कुछ नहीं ।” वह चिढ़ी हुई आवाज में बोला । “हमें अभी तक उस लड़की की कार नहीं मिली है । मारलौक्स ने दस मिनट पहले सारा पैसा उठाया है । हमारे एजेंट तैयार हैं । तुम मुझे तीन बजे के आस-पास फोन करना । हम तब तक उस लड़की की कार ढूंढ लेंगे ।”

मैंने उसे फोन करने की हामी भरकर रिसीवर रख दिया ।

रिया मुझे ही देख रही थी । वह बहुत तनाव में थी ।

“उन्हें अभी तक कार नहीं मिली है । अगर किस्मत ने साथ दिया तो वे लोग उसे जल्दी नहीं ढूंढ पाएंगे ।” मैंने कहा, “अब हमारा अगला कदम, ओडेट का खत तुम्हारे पति तक पहुंचाना है ।” मैंने खत अपनी किताब में से बाहर निकाला । लिफाफे पर अपनी उँगलियों के निशान बनने से बचाने के लिये मैंने उसे प्लास्टिक के एक लिफाफे में रखा हुआ था ।

“तुम अपनी डाक कैसे हासिल करती हो ?”

“हमारे गेट पर एक मेल-बॉक्स लगा हुआ है ।”

“जब तुम वापस जाओ तो इसे उस बॉक्स में डाल देना । इस बात का ध्यान रखना कि ऐसा करते हुए तुम्हें कोई देखे नहीं । इसमें कल के लिये पैसे के लेनदेन की हिदायतें हैं ।” जैसे ही उसने खत रख लिया, मैंने कहना जारी रखा, “इसे हाथ लगाते हुए सावधानी रखो । तुम यह बिल्कुल नहीं चाहोगी कि तुम्हारी उँगलियों के निशान इस लिफाफे पर आ जाएं । इसे बाहर निकालते हुए दस्तानों का इस्तेमाल करना ।”

उसने वह खत लेकर अपने बैग में डाल लिया ।

“तो हम इस काम में आगे कदम बढ़ा रहे हैं ?” उसने पूछा ।

“इसी बात के लिये ही तुम मुझे पैसे दे रही हो । है ना ? मेरे ख्याल हम यह काम जारी रख सकते हैं । अब मैं पुलिस की तरफ से भी काम कर रहा हूँ तो कम से कम मुझे उनकी चालों का पता रहेगा । अगर मुझे खतरा लगा तो मैं तुम्हें बता दूँगा । अब आगे की योजना इस तरह से है कि मैं ओडेट को फोन करूंगा और उसे कल रात को ग्यारह बजे के प्लेन से वापस आने के लिये कहूँगा । वह एक बजे तक यहाँ पर होगी । तुम्हारा पति ईस्ट बीच रोड पर गाड़ी चलाता हुआ पहुंचेगा । वह तब तक गाड़ी चलाता रहेगा जब तक उसे एक फ्लैश लाइट दिखाई नहीं देती । जब वह उस फ्लैश लाइट के पास से निकलेगा, वह नोटों वाला ब्रीफकेस वहाँ पर गिरा देगा । मेरे ख्याल से मेरे पास ढाई बजे तक पैसा होना चाहिए ।

“वह ओडेट को पाने की आशा में लोन-बे पार्किंग तक गाड़ी चलाकर जाएगा । तुम यहाँ पर आओगी और मैं दो बजकर पैंतालीस मिनट तक तुम्हें यहाँ पर मिलुँगा । हम वह पैसा बाँट लेंगे । ओडेट को पार्किंग में न पाकर तुम्हारा पति घर पहुँचेगा । तुम और ओडेट वहाँ पर उसका इंतजार करती हुई मिलोगी । तुम्हारी कहानी यह होगी कि उसके जाने के बाद ओडेट घर आ गई थी ।”

मैंने उसको कहानी के बारे में समझाया और उसे अपने पति को हर हालत में संतुष्ट करने में कामयाब होना था । यह हमारी योजना थी ।

उसने बहुत देर तक सोचा और फिर सहमति में सिर हिला दिया ।

“ठीक है... तब कल रात दो बजकर पैंतालीस मिनट पर यहाँ पर मिलते हैं ।”

“ओ’रीली पर निगाह रखना ।” मैंने कहा, “इस बात की तसल्ली कर लेना कि वह तुम्हें बाहर निकलते हुए न देखे । वह आदमी पुलिस का जासूस है । इस घटना के बारे में आज के बाद वह जो कुछ भी देखेगा, वह डी. ए. की जानकारी में होगा, इसलिए उससे सावधान रहना ।”

वह अपनी जगह पर खड़ी हो गई ।

“मैं समझती हूँ ।”

“अच्छा, अब मुझे कुछ पैसा चाहिए ।” मैंने कहा, “मुझे इस कैबिन का किराया देना है । पचास डॉलर में काम चल जाएगा ।”

उसने मुझे पैसे दिए ।

“तब कल रात को...”

“ठीक है ।” उसके कहने के अंदाज में कुछ ऐसा था जो मुझे कुछ विचलित कर गया । मैं उसका अंदाजा नहीं लगा सका, पर कुछ तो अजीब था ।

“तुम ओ’रीली से सावधान रहना ।”

उसने मुझे देखा ।

“तुम्हें यकीन है कि तुम इस काम को कर सकते हो ?”

“अगर मुझे भरोसा न होता तो मैं इस काम को हाथ भी नहीं लगाता ।”

“मुझे यह पैसा हर कीमत पर चाहिए ।” उसने कहा, “मुझे तुमसे उम्मीद है कि तुम इसे मेरे लिये हासिल कर लोगे । आखिर, मैं तुम्हें इस काम के लिये अच्छा-खासा पैसा दे रही हूँ ।”

वह दरवाजे तक गई, दरवाजा खोलने के बाद उसने अपनी छतरी को ताना और बारिश में निकल गई ।

मैं उसे गीली रेत पर कार पार्किंग की तरफ जाते हुए देखता रहा ।

जब वह चली गई, तो मैं एक शेड से ढके हुए रास्ते से होता हुआ, जो सभी कैबिनों को बिल होल्डन के ऑफिस से जोड़ता था, होल्डन के पास गया । मैंने उसे कैबिन का किराया अदा किया ।

“तुम्हारा काम ठीक चल रहा है, मिस्टर बार्बर ?” उसने मुझे रसीद देते हुए पूछा ।

एक क्षण के लिये मैंने उसे गौर से देखा जैसे मुझे उसकी बात समझ नहीं आई, फिर मुझे याद आया कि मैंने उसे क्या कहा था और फिर एक औपचारिक मुस्कान मेरे चेहरे पर तैर गई ।

“सब ठीक चल रहा है ।” मैंने कहा, “मुझे एक रात के लिये इस कैबिन की और जरूरत पड़ेगी । क्या यह तुम्हारे लिये ठीक है ?”

“जैसी आपकी मर्जी, मिस्टर बार्बर ।” फिर उसने बड़े अवसाद से भरकर अपने ऑफिस की खिड़की से बाहर देखा । “मैंने ऐसा मौसम कभी नहीं देखा । मुझे यह बहुत नुकसान पहुँचा रहा है । जरा बाहर देखो ।”

“कल तक सब साफ हो जाएगा ।” मैंने कहा, “अब तो खुश हो जाओ । मैंने अभी तुम्हें किराया दिया है, दिया है या नहीं ?” उसे वहीं पर छोड़कर मैं वापस कैबिन में आ गया ।

मैं वहाँ दो बजे के बाद तक टिका रहा। फिर मैं बारिश में एक स्नेक्स बार की तरफ दौड़ा और सैंडविच का लंच किया । जब मैं वापस कैबिन लौटा तो मैंने नीना को फोन किया । मैंने उसे बताया कि मुझे नहीं पता कि मैं कब तक वापस आऊंगा ।

“क्या तुम्हारा काम हो गया, हैरी ?”

“हाँ, मुझे काम मिल गया है ।” मैंने कहा, “आज के बाद, मैं भी व्यस्त रहूँगा । आज के बाद हमें किसी बात की चिन्ता करने की जरूरत नहीं है ।”

काश! मैं अपनी इस बात पर विश्वास कर पाता । मेरे पास चिन्ता करने लायक बहुत कुछ था ।

“यह तो बहुत खुशी की बात है ।” उसकी आवाज में खुशी की झलक ने मुझे और भी उदास कर दिया । “जॉन तुमसे इतना जरूरी क्या काम करवाना चाहता है ?”

“जब मैं वापस आऊँगा तब तुम्हें बता दूँगा । मैं इस समय टेलीफोन पर बात नहीं कर सकता ।”

“मैं तुम्हारा इंतजार कर रही हूँ, हैरी ।”

“जितना जल्दी हो सकेगा, मैं वापस आ जाऊंगा ।”

तीन बजने में पाँच मिनट पर मैंने रेनिक को फोन किया । उसे लाइन पर आने में काफी वक्त लगा ।

“हैरी ? तुमने सही वक्त पर फोन किया है ।” उसकी आवाज़ मेरे कानों में गूंजी और उसकी आवाज में खुशी झलक रही थी । “हमें कार मिल गई है! तुम्हें लोन-बे की पार्किंग का तो पता होगा ? जितना जल्दी हो सके, तुम मुझे वहाँ पर मिलो । मैं भी बस वहाँ के लिये निकल रहा हूँ ।”

अचानक मेरा गला सूख गया और मेरा दिल जोर से धड़कने लगा । मैंने उसे कहा कि मैं पहुँच रहा हूँ ।